Saturday 3 August 2013

.लोहिया जेपी भले न बुझ पाये हो.

का कह रहे है
तनिको सोचते नही है का..
अरे भाई जेपी लोहीया कौवनो राजा थे क्या?
 जवन चाचा है  असली गुड़ से बने हूए चिन्नी है..
ऊपरा जा के जबाब भी तो देना पड़ेगा कि
हमने अपका झण्डा पतँगा औरौ किसी को नही दिया
अपने लड़ीकवे को दिया है
दूसरे को देने मेँ खतरा जना रहा था
अरे भाई अपना खुन है
पूरा गारन्टी है भाई
अउर समय के साथ परिभाषा भी तो बदलत है
चाहे
समाजवाद हो
कमुनिजम हो
पूँजीवाद हो
लूटवाद
या फिर
वँशवाद
फिर चाचा का भी तो मन है
इज्जत है
अरे भाई माननीय है
और लोग बड़ी हवेली मेँ इनको शुद्र दृष्टि से देखे इहे चाहते है आप!
हम सब बुझ रहे है
.लोहिया जेपी भले  बुझ पाये हो.

1 comment:

  1. Meticulously constructed layers. becomes more relevant in current state of affairs under SP rule.

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