माननीयोँ के लूटतँत्र मेँ सहयोगी टकसाली सिक्के
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इस देश मेँ टकसाली सिक्के बनाने के लिऐ अखिल भारतीय स्तर पर प्रतीयोगी परीक्षाऐँ आयोजित की जाती है
जिन अभ्यर्थीयोँ को इस देश के लूटतँत्र मेँ बेखौफ सम्मिलित होने की चाह होती है वे अपना भाग्य यही आजमाते है
क्योकी एक बार सफलता मिल गई फिर तो कोई जबाबदेही नही होती है
माननीय बनने के लिऐ तो फिर भी बड़ी पापड़ बेलनी पड़ती है वो 65 वर्षीय लोकतँन्त्र के माननीय पुत्रोँ पुत्रवधुओँ के सामने
कई तरह के गिरगिटीऐ रँग बदलने होते है तब कही जाकर जनता लूट के लिऐ अधिकार देती है
और यहाँ तो सिधे सिधे बस एक बार परीक्षा पास तो पास लूट अपने और माननीयोँ को भी शामिल करो
उपर से सुपरलेटिव डिग्री के बिमारीयुक्त होने का तगमा
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