आतंकवादीयोँ मेँ इतना दम नही है कि वो किसी भी नेता को मार गिराऐँ
क्योकी उनका मकसद तो जनता को ये बताना है कि ऐ जो तुम्हारे रहनुमा है वे तुम्हारी रक्षा नही कर सकते हैँ
और हम तुम्हेँ जैसे,जहाँ और जब चाहेँगेँ मारेँगेँ
ताकि जनता के दिलोँ दिमाग मेँ सरकार के प्रति अविश्वास की भावना भर जाय
और सरकार से जनता का भरोसा उठ जाऐ
और वे आसानी से देश की जनता पर एक नये तालिबानी शासन को थोप देँ
आतंकवादीयो ने किया तो था संसद पर हमला
और मारने की कोशिश भी तो क्या हम खुशी मनाऐ कत्तई नही
वैसे उनके नजर मेँ सभी भारत के नागरिक है चाहेँ वो आम जनता हो या नेता या नौकरशाह
और सच भी यही है
यह हमारे देश के प्रभुसत्ता पर हमला है
ये आतंकी कभी भी अपने मकसद मेँ कामयाब नही हो सकते
इन आतंकवादीयोँ ने मारा तो था
इंदिरा गाँधी,
राजीव गाँधी
और
बेअंत सिँह को
व जान से मारने की कोशिश की थी अजीत योगी को
तो क्या भ्रष्टाचार मेँ कमी हुई नही न
ये सुशासन दिलानेँ के नाम पर लड़ तो रहे है सरकार के खिलाफ
कहीँ उल्फा तो
कहीँ बोड़ो,
एमसीसी,
रेड आर्मी,
बब्बर खालसा,
खालिस्तान तो
कहीँ आईएम के नाम पर
तो क्या ये हमारे रहनुमा बन जाऐँगेँ
हमेँ डरा कर
नही भाई नही
ये तो पथ से भटके हुए इन्सान है
इस देश के लोग आतंकवादियोँ को कभी भी अपना रहनुमा नही मानेँगेँ
सच बात है
की जो हुकुमत हमारी रक्षा नही कर सकती उस उठ जाना चाहीए
और
इसको उठाने व बैठाने का हथियार है हमारे पास
और वो है वोट
निकलिऐ अपने अपने घरोँ से जाईऐ पोलिँग बुथ
तक जब तक आप वोट के दिन पिकनिक मनाते व दारू पीते रहेँगे
तबतक ये हमारे रहनुमान अपनी मनमानी करते रहेँगे
और
कही ब्लास्ट मेँ कोई आपका परिवार वाला हो गया जय सीताराम
तो दैड़ेगे सरकारी चेक लेकर इस आफिस उस आफिस
समाधान एक है नींद से बाहर आईऐ
और
जो भारत की सम्प्रभुता को चुनौती दे
उसको कररा जबाब देने के लिऐ सशक्त लोकतँत्र के सशक्त
व
चरित्रवान प्रहरी को चुने
जो हमारी रक्षा करे
यह देश हमारा है
किसी नेता,
परेता या नौकरशाह का नही है
यह बात खुब ध्यान से समझलिजिऐगा
जय माँ भारती जय हिन्द
आचार्य नीरज
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