सवधान साठा बौड़ियान है
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पूरानी कहावत है
सठीया गये है
लेकीन
हमेँ तो ऐसा लग रहा
कि ई बैड़ियाय भी गये है
और हाँ मराठी मे बोले तो बावड़ा हो गया है क्या..?
सुशील
सठीयान और बौड़ियान दोनोँ एक
साथ तब तो हो गया बेड़ा गर्क
कौनो दिन ई चिँचन करत करत
भारत देशवा के बार मेँ भी अईसे उल जलूल न बकी दे ई..
पहीले गाँव मेँ हाथी बौड़ियान रहे तब त ऊँट हाथी का कान चबाऐ रहा तो हाथी ठीक हुआ
भैयो कवनो हमका बता दो कि जब
साठा बौड़ियात है तब का उपाय करा जात है
रोको भईया
रोको नही तो अभी पता नही का का बकबका देई अबकी बार चिँतन करे मे कौने केमिकल लोचा हो गया है
रोको भाईयो..
आचार्य नीरज
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