Tuesday 26 March 2013

क्योकी लड़की होना उसके बश की बात नही थी


बन्धुओँ
मुझे नीँद नही रही है
मेरी भूख प्यास भी खत्म हो गयी है
मुझे कोई भी अच्छा नही लग रहा है
क्योकी मेरे बगल मे
लड़की पड़ी है जिसका बलात्कार हुआ है और वो कभी भी लाश मेँ तब्दील हो सकती है
जानना चाहेगे वो कौन है?
वो मेरी बहन है
क्या आपके बहन के
साथ ऐसा हुआ होता तो आप चैन की नीँद सो सकते थे
क्या आप को भुख लगती
क्या आप गीत सुन पाते
यदि हाँ तब तो मुझे आपसे कुछ नही कहना है
यदि नही तो सुनिऐ
जानते है
मेरी बहन और आपमे कितना फर्क सिर्फ ईतना ही कि
आप मेरे माँ के पेट से पैदा नही हुऐ
या वो
आपके माँ के पेट से पैदा नही हुई है
बस
जानते है आज वो सफदरजंग मे जीवन, मौत और अपने अस्तित्व से क्यो जुझ रही है
क्योकि वो लिँग के आधार पर एक लड़की है
क्योकी उसे एक वस्तु समझा जाता है
क्योकी वो एक देह मात्र है
क्योकी उसका अपना कोई अस्तित्व ही नही बनने दिया है आपने
क्योकी लड़की होना उसके बश की बात नही थी
और
लड़का होना मेरे बश की बात नही था
कब तक मर्द की मर्दानगी एक लड़की का अस्मत लुटती रहेगी
तो फिर मै बोलुगाँ
मुझे नीँद नही रही है


आचार्य नीरज

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