सूनो..
सभी लोग
सूनो..
घ्यान से..
और
कान खोल के
बोल दिये
हमको मूर्ख मत समझ लेना
पहले ही इसीलिए बोल दे रहे है..
अगर किसी को शक सुबहा हो तो अभी बता दो..
नही तो हम बोलेँगे ही नही
.
अरे भाई सही मेँ मूर्ख समझ लिए का हमको
धत तेरी की
सूनो
लाल बुझकड़ बुझ गया और न बुझा कोय....
अब तो समझ ही गये होगे
कौन है?
हम कि..
पर उपदेश कुशलबहुतेरे..
हर कोई इस बात से बेहद चिन्तित है परेशान भी है..
लेकिन लगभग सभी एक ही बात करते नजर आते है
पहले आप...
पहले आप...
और
ट्रेन जाती है छूट
क्या पते की बात कही है
आपने
कौन कमबक्त नही चाहता है कि क्राँति न हो
लेकिन भगत सिँह को तो आप ही पैदा करो
हमारे घर मेँ तो अभी देर है..
समझ गये ना..
न समझे तो बताओ..
आचार्य नीरज
No comments:
Post a Comment